भोपाल, अपनी खबर / अमिताभ पाण्डेय
मेपकास्ट में अधूरे मापदंडो के सलाहाकारों एवं फेलो की नियुक्ति के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 156(3) दंड प्रक्रिया अंतर्गत न्यायलय मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी भोपाल के समक्ष परिवाद दायर किया गया था।

कोर्ट ने आज जांच प्रतिवेदन जमा करने को कहा था लेकिन आज eow ने 3 माह और मांगा था जिसमे कोर्ट ने जमकर फटकार लगाई परिवारवाद  अंतर्गत परिवादी तनवीर वारसी ने मेपकास्ट के DG डॉ नवीन चंद्रा और तसनीम हबीब के विरुद्ध धारा 420,467,468,471,120-बी के अंतर्गत प्रकरण EOW को दर्ज करने दिया था  जिसमे न्यायालय ने EOW से उक्त भर्तियों  का प्रतिवेदन  मांगा था लेकिन पिछले चार से पांच माह में EOW के विवेचक जांच रिपोर्ट ही जमा नही कर पाए जिससे जिला कोर्ट जज ने 11/09/2018 तक उक्त जांच का प्रतिवेदन बनाके कोर्ट में जमा करने के सख्त निर्देश दिए थे

EOW को दिया 29 SET का समय
EOW ने न्यायालय में बताया कि अपराध वृहद स्वरूप का है एवम विज्ञान एवं प्रोधोगिकी दिल्ली जिन्होंने सलाहकारों पदों के लिए अनुदान दिया था उन्हें  पत्र लिखा है और जानकारी मांगी है कि इन पदों के लिए आवश्यक योग्यता एवम नियम शर्ते क्या है ।

साथ ही उन्होंने कहा है कि प्रथम दृष्ट्या अपराध गंभीर प्रवत्ति का प्रतीत हो रहा है ।
इस कारण संभंधित लोगो से बयान ली ये जा रहे है इस कारण 3 माह का समय दिया जाए लेकिन जज ने आदेश देते हुए कहा कि किसी भी हालत में 29 set 2018 तक प्रस्तुत कर इन लोगो पर कार्यवाही करें ।

शिकायत क्रंमांक 43/18 अंतर्गत पंजीबद्ध
न्ययालय से परिवाद प्राप्त होने के बाद EOW ने साक्ष्यो के आधार पर पहली ही बार मे शिकायत पंजीबद्ध कर सत्यापन के ले ली थी और ब्यूरो मैनुएल के प्रावधानों के अनुसार जांच की जा रही थी लेकिन आज दिनांक तक जिम्मेदार जांच नही कर पा ये और मेपकास्ट के DG और तसनीम हबीब को बचा रहे है।

संघ की शाखा विज्ञान भरती के कारण टालमटोल
ज्ञात है कि दोषी DG नवीन चंद्रा और तसनीम हबीब विज्ञान भारती के है इस कारण अभी तक eow कार्यवाही नही कर रही थी लेकिन अब 29 तक इनके ऊपर कार्यवाही करना है
 
 वेबसाइट पर निकले विज्ञापन पर कोई दिशा निर्देश नही थी वेबसाइट पे जो विज्ञापन डाला गया था उसमें कोई भी दिशा निर्देश जान बुझके नही डाले गए थे फेलोशिप और सलहकारो कि इन पोस्ट के लिए क्या शैक्षणिक योग्यता चाहिए क्या उम्र चाहिए कोई उल्लेख नही है जिससे साफ स्पस्ट है कि ये पद अपने लोगो को सेट करने के लिए निकाले गए थे


व्यापम की तरह होने वाला था फर्जीवाड़ा
उक्त पदों के बिना कोई दिशा निर्देश से बेरोजगारों के साथ छलावा किया गया था और रसूख वाले अयोग्य लोगो को चयनित करके शासन के पेसो की बर्बादी की जान थी जोकि व्यापम कि तरह प्रदेश की छवि धूमिल करेगा


वर्जन
EOW ने कोर्ट से ३ माह का समय माँगा था कोर्ट को बताया ये  विरध आपराधिक मामला हे हमने सभी आवश्यक विभाग को पत्र लिखकर नियुक्ति के लिए अनिवार्य शर्तें क्या हे माँगा हे कोर्ट से उन्हें अंतिम अवसर देते हुए आदेश दिए आगामी पेशी तक सभी कार्यवाही कर अनुसंधान रिपोर्ट पेश करे ये भ्रष्टाचार का बड़ा मामला हे
यावर खान अधिवक्ता, याचिकाकार के वक़ील

(अनाम आलेख सेवा)

Source : अपनी खबर